संत शिरोमणि कर्माबाई सेवा संस्था
मुख्य एम्स रोड, गली नं 11, बासनी, जोधपुर | राजस्थान
About Mission
आप सभी जाट समाज बन्धुओं को अत्यंत हर्ष के साथ अवगत कराया जा रहा है कि संभाग मुख्यालय जोधपुर में चिकित्सा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर सुविधाएँ विकसित हो रही है जिसमें एम्स (अस्पताल) जोधपुर, सम्पूर्ण राजस्थान में एक प्रमुख उपचार केन्द्र के रुप में संचालित हो रहा है और भविष्य में निरंतर विस्तार की संभावनाएँ प्रबल है। एम्स (अस्पताल) में गाँव-ढ़ाणी एवं अन्य शहरों से चिकित्सा-उपचार हेतु आने वाले समाज बन्धुओं को एम्स के आस पास सम्राज की आवास एवं भोजन व्यवस्था वर्तमान में उपलब्ध नहीं है, इस सम्बन्ध में जाट समाज के प्रबुद्धजनों ने भविष्य में समाज के बंधुओं को आवास व भोजन की उचित एवं सुरक्षित सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बैठक आयोजित कर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि एम्स (अस्पताल) के पास ही समाज का “आरोग्य भवन” का निर्माण करवाया जाये। जिसमें एम्स में आने वाले सभी जरुरतमंद समाज बंधुओं को रहने एवं भोजन की सुरक्षित एवं उचित व्यवस्था मिल सकें। उपचार हेतु आने वाले कई म्रहानुभावों को कई दिनों तक रुकना पड़ता है। आवास एवं भोजन व्यवस्था पर उपचार से भी अधिक खर्चा करने पर भी सुरक्षित एवं उचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पाती है। जाट समाज का “आरोग्य भवन” तैयार होने पर सभी क्षेत्रों से आने वाले समाज बन्धुओं को सम्रुचित व्यवस्था मिल सकेगी।
समाज बन्धुओं की बैठक में ही “आरोग्य भवन” हेतु एम्स जोधपुर के सामने भूमि का चयन कर लिया गया है इस पुनित कार्य हेतु सभी समाज बन्धुओं से भूमि क्रय एवं भवन निमार्ण हेतु अधिक से अधिक, तन- मन-धन से सहयोग के लिये आहवान किया जाता है। साथ ही आप सभी से अनुरोध है कि आप अपने प्रयासों से प्रचार-प्रसार के सभी प्राध्यमों द्वारा समाज के अधिकतम्र बन्धुओं को जोड़ने का श्रम करावें।
Karmabai (20 January 1615 – 1634)
Karmabai (20 January 1615 – 1634) was a jat known as- Bhakt Shiromani Karmabai. She was born on 20 January 1615 in the family of Jiwanji Dudi in the village Kalwa situated in Nagaur district. She was a devotee of Krishna. The story goes.like this- karmabai’s father was a devotee of Krishna. Once upon a time he had some work outstation, so he instructed her to offer the food(bhog) to the lord and then only she should eat. Karma was very young and she took this instruction literally. Next morning she woke up early and made khichdi for offering the Lord. But when she saw that lord is not eating, sincere towards her father’s instructions innocent karmabai did not eat anything at all and waited for lord to come and eat first. Lord Krishna was very impressed by her determination and showed mercy on her. He himself appeared before her and ate her khichdi. He followed the same routine till her father didn’t returned. When her father returned she told him everything, her father was shocked in disbelief and thus karma pleaded lord to appear once again to prove her true. And very merciful lord Krishna did appeared once again to keep his devotee’s respect.
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आप सभी जाट समाज बन्धुओं को अत्यंत हर्ष के साथ अवगत कराया जा रहा है कि संभाग मुख्यालय जोधपुर में चिकित्सा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर सुविधाएँ विकसित हो रही है जिसमें एम्स (अस्पताल) जोधपुर, सम्पूर्ण राजस्थान में एक प्रमुख उपचार केन्द्र के रुप में संचालित हो रहा है और भविष्य में निरंतर विस्तार की संभावनाएँ प्रबल है। एम्स (अस्पताल) में गाँव-ढ़ाणी एवं अन्य शहरों से चिकित्सा-उपचार हेतु आने वाले समाज बन्धुओं को एम्स के आस पास सम्राज की आवास एवं भोजन व्यवस्था वर्तमान में उपलब्ध नहीं है, इस सम्बन्ध में जाट समाज के प्रबुद्धजनों ने भविष्य में समाज के बंधुओं को आवास व भोजन की उचित एवं सुरक्षित सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बैठक आयोजित कर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि एम्स (अस्पताल) के पास ही समाज का “आरोग्य भवन” का निर्माण करवाया जाये। जिसमें एम्स में आने वाले सभी जरुरतमंद समाज बंधुओं को रहने एवं भोजन की सुरक्षित एवं उचित व्यवस्था मिल सकें। उपचार हेतु आने वाले कई म्रहानुभावों को कई दिनों तक रुकना पड़ता है। आवास एवं भोजन व्यवस्था पर उपचार से भी अधिक खर्चा करने पर भी सुरक्षित एवं उचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पाती है। जाट समाज का “आरोग्य भवन” तैयार होने पर सभी क्षेत्रों से आने वाले समाज बन्धुओं को सम्रुचित व्यवस्था मिल सकेगी।
समाज बन्धुओं की बैठक में ही “आरोग्य भवन” हेतु एम्स जोधपुर के सामने भूमि का चयन कर लिया गया है इस पुनित कार्य हेतु सभी समाज बन्धुओं से भूमि क्रय एवं भवन निमार्ण हेतु अधिक से अधिक, तन- मन-धन से सहयोग के लिये आहवान किया जाता है। साथ ही आप सभी से अनुरोध है कि आप अपने प्रयासों से प्रचार-प्रसार के सभी प्राध्यमों द्वारा समाज के अधिकतम्र बन्धुओं को जोड़ने का श्रम करावें।
Karmabai (20 January 1615 – 1634)
Karmabai (20 January 1615 – 1634) was a jat known as- Bhakt Shiromani Karmabai. She was born on 20 January 1615 in the family of Jiwanji Dudi in the village Kalwa situated in Nagaur district. She was a devotee of Krishna. The story goes.like this- karmabai’s father was a devotee of Krishna. Once upon a time he had some work outstation, so he instructed her to offer the food(bhog) to the lord and then only she should eat. Karma was very young and she took this instruction literally. Next morning she woke up early and made khichdi for offering the Lord. But when she saw that lord is not eating, sincere towards her father’s instructions innocent karmabai did not eat anything at all and waited for lord to come and eat first. Lord Krishna was very impressed by her determination and showed mercy on her. He himself appeared before her and ate her khichdi. He followed the same routine till her father didn’t returned. When her father returned she told him everything, her father was shocked in disbelief and thus karma pleaded lord to appear once again to prove her true. And very merciful lord Krishna did appeared once again to keep his devotee’s respect.